Monday, May 18, 2009

ले लीजिये न , प्लीज !!!

ले लीजिये न , प्लीज !!!
लालू जी : ये मैडम , प्लीज , ले लीजिये न हमारा समर्थन ! देखिये न , हम तीनो भाई लोग एकदम लाईन में खडा हैं ! रात से खाना नहीं खाए हैं - एकदम भूखे हमर पेट फूल के ढोलक हो गया है ! आप समर्थन ले लीजिये गा ता हम कुछ खायेंगे पीयेंगे ! ए , रघुवंश बाबु , जगातानंद बाबु , ए उमाशंकर जी - आप लोग कहे नहीं अपना जात भाई - दिघ्घी राजा को कुछ समझाते हैं ! का दो का दो - कलह से बकर बकर बोले जा रहे हैं ! कहिये ना - लालू जी अब हम तीनो लोग के नेता हैं ! ए अमर भाई - का ई आप इगो धर लिए हैं - जाईये , दिघ्घी रहा के गोर धरिये ! "राजा ता राजा ही नु रहेगा " ! जब हम मैडम का गोर धर सकते हैं ता आप को कहे लाज लगता है ! बुरबक - राजमहल से खाली हाथ लौटेगा ?
दिघ्घी राजा : हा हा हा हा !
मुलायम : ये तो पुरे रावन की तरह हंस रहे हैं !
लालू : ( मुलायम के कान में ) : एकदम आप उत्तर प्रदेश के पक्का अहीर रह गए ! देखिये 5 साल हम दिल्ली में रह कर कितना बदल गए ! आप लोग एकदम से मेरा चांस डूबा दीजिए गा !
मुलायम : लालू जी , आप बहुत फालतू बोलते हैं - इस कारन से ही आपके यहाँ हम सम्बन्ध नहीं किये !
दिघ्घी राजा : अरे आप लोग लड़िये नहीं ! सब बात मैडम के ड्राइंग रूम तक जा रहा है ! अच्चा ये बताएं - आप दो तो नज़र आ रहे हैं - तीसरा कौन है - लाइन में ?
लालू : ए हो , ए हो देवेगौडा भाई ? किधर गए ? धत् , ई जतरा पहर - चाय पीने चले गए का ? बेटा जो न करावे ?:( राजा जी , ई अपना देवेगौडा भाई भी हैं - तीन थो साथ में हैं ! ई भी कर्नाटका के अहीर हैं !
मुलायम : अमर जी , किधर गए ? अरे भाई , जयाप्रदा कहीं भागी नहीं जा रही है - इधर - राजा साहेब से बात फाइनल कीजिए और मैडम से टाइम ले लीजिये , मिलाने का ! ( लालू जी को ड्राप भी किया जा सकता है - कान में )
लालू : हमको सब सुनायी देता है ! राजा बाबु - ई ड्राइंगरूम में मैडम इतना देर से किस से फ़ोन पर बात कररही हैं ?
दिघ्घी राजा : हा हा हा हा हा हा हा हा ! कोई है , आपके प्रदेश से !

Tuesday, May 5, 2009

हमारी बहने और बेटियाँ

कल शाम से ही न्यूज़ चॅनल पर शुभ्रा सक्सेना , शरणदीप कौर और किरण कौशल के चर्चे शुरू हो गए ! आखिर हो भी न , क्यों ? भारत में मध्यम वर्ग के लिए बना बेहतरीन नौकरी "आई ० ए ० यस ०" की परीक्षा में इन तीनो ने प्रथम , द्वितीये और तीसरा स्थान प्राप्त किया है !
दोपहर में भोजन करने गया तो रजत शर्मा वाले न्यूज़ चैनल पर इनके बारे में थोडा डिटेल से दिखाया जा रहा था ! बेटी और बीबी दोनों ध्यान से देख और सुन रहे थे और मै कनखियों से !
कुछ दिन पहले मेरे एक दोस्त ने कहा था - "किसी भी समाज के स्तर को जानना है तो उस समाज में औरत की क्या स्थिति है - वो पता करो " ! कहने का मतलब - किसी भी परिवार , गाँव , जात , शहर , राज्य या देश की सही मायने में उन्नत्ती पता करना चाहते हैं तो हमें यह देखना होगा की - वहां की औरत को कितना सम्मान और अधिकार मिला है !
बचपन दिन याद आ गया - जहाँ कहीं भी अपने अधिकार के लिए कोई महिला पाई गयी - उसको इंदिरा गाँधी की संज्ञान दे दी गयी ! दूर से ही लोग उसे इंदिरा गाँधी बोलने लगते थे ! अब कोई भी इन महिलाओं को इंदिरा गाँधी नहीं कहता - या यूँ कहिये - स्वीकार कर लिया है !
किसी परिवार में किसी महिला का राज चलता था तो उसे "पेटीकोट" राज कहते थे - अब ऐसे शब्द सुनायी नहीं देते हैं - सिवाय भारतीये जनता पार्टी के नेतागण के मुह के अलावा !
अब "इंदिरा गाँधी " और "पेटीकोट राज " की जगह - इंदिरा नूयी , कल्पना चावला और अब शुभ्रा सक्सेना जैसी महिलाओं ने ले लिया है ! लेकिन इस परिवर्तन को आने में काफी वक़्त लग गया ! और अभी बहुत कुछ बाकी है !
आर्थीक रूप से अगडा पंजाब में सब से ज्यादा "भ्रूण" हत्या होती है - यह या इस तरह का समाज कभी भी सही अगड़ा का पहचान नहीं हो सकता ! इससे लाख गुना बेहतर बिहार के गाँव का वोह गरीब है - जिसके यहाँ कन्या पूजा का प्रचलन है !
हमारे हिन्दू समाज में कन्या को हमेशा देवी का अवतार माना गया है - मसलन - शादी के समय - सिन्दूर दान के ठीक पहले - कन्या - वर के दाहिने तरफ बैठती है - मतलब वोह पुजनिये और आदरनिए है !
कुछ लोग समाज में बढ़ते तलाक़ को महिलाओं की प्रगती से जोड़ कर देखते हैं - मै ऐसा नहीं मानता - महिला तो मानसिक रूप से आगे बढ़ गयी - लेकिन में पुरुष अभी भी वहीँ है - फिर खुद अपने पैरों पर खडी महिला - कब तक अत्याचार सहेगी ?
अब अपनी सोच में बदलाव लायें - और बहन - बेटी को समोचित स्थान दें - अभी भी समय है -
रंजन ऋतुराज सिंह - इंदिरापुरम !

श्रीमती शुभ्रा सक्सेना इंदिरापुरम में ही रह कर पुरे भारत में सर्वोच्य स्थान प्राप्त किया - उनका प्रारंभिक पढाई - लिखाई - बोकारो के इर्द गिर्द हुयी - जो इनके प्रेरणा श्रोत हैं - और आशा है - वोह भारत की ग्रामीण परिवेश को भली भांती समझते हुए - समाज कल्याण में खुद को समर्पित करेंगी !