Friday, November 16, 2007

आस्था व भक्ति का केन्द्र नोनार का सूर्य मंदिर

पीरो (भोजपुर)। पीरो अनुमंडल मुख्यालय से सटे आरा-सासाराम मुख्य मार्ग पर नोनार गांव स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर क्षेत्र के लोगों के बीच आस्था एवं भक्ति का महत्वपूर्ण केन्द्र बन गया है। प्रकृति के सुरम्य वातावरण में कोलाहल से दूर बसे इस सूर्य मंदिर का महत्व कार्तिक एवं चैती छठ के अवसर पर काफी बढ़ जाता है। इस दौरान यहां आसपास के गांवों के अतिरिक्त सीमावर्ती बक्सर एवं रोहतास जिले के श्रद्धालु लोग भी छठव्रत करने के लिए बड़ी संख्या में जुटते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि इस सूर्य मंदिर का निर्माण दशकों पूर्व अयोध्यावासी महात्मा निराला बाबा की देखरेख में स्थानीय लोगों के सहयोग से कराया गया था। यहां मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित संगमरमर की बनी भगवान भास्कर की प्रतिमा अपने आप में अद्वितीय है। वही मंदिर के समीप बाबन बीघा का पोखरा लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र होता है। बताया जाता है कि नोनार गांव के लोगों द्वारा दान में दी गयी जमीन पर खुदाई कर, इस विशाल पोखरा का निर्माण कराया गया है जबकि ग्रामीणों द्वारा चंदा में मिली राशि से पक्के घाटों का निर्माण हुआ है। लेागों के बीच ऐसी मान्यता है कि यहां आकर पूरे मनोयोग से छठ का व्रत करने वालों की हर मनोकामना पूरी होती है। कई नि:संतान दम्पतियों द्वारा यहां छठ करने के पश्चात उन्हें पुत्र रत्‍‌न की प्राप्ति होने से इस सूर्य मंदिर के प्रति लोगों की आस्था और बढ़ गयी है। यहां आने वाले छठ व्रतियों की सुविधा को ध्यान में रखकर सभी आवश्यक व्यवस्था नोनार गांव के लोगों द्वारा ही की जाती है। नोनार गांव निवासी बीरेन्द्र राय बताते हैं कि इस साल यहां छठव्रतियों के लिए पेयजल, चिकित्सा एवं प्रकाश व्यवस्था हेतु स्थानीय नवयुवकों द्वारा विशेष तैयारी की गयी है।


ranJan rituraJ sinh , NOIDA

1 comment:

परमजीत सिहँ बाली said...

अच्छी जानकारि दी है।धन्यवाद।