रंजन ऋतुराज सिंह , नौएडा
Friday, September 28, 2007
बुद्धिमान और विद्वान्
रंजन ऋतुराज सिंह , नौएडा
Tuesday, September 25, 2007
डिप्रेशन
रंजन ऋतुराज सिंह , नौएडा
Monday, September 24, 2007
पाकिट मे पत्थर और आसमान मे छेद
Tuesday, September 11, 2007
मन नही लगता है - भाग एक
वहीँ पटना मे रहेंगे ! कुछ लोन ले के एक स्कार्पियो गाड़ी ख़रीद लेंगे ! हरा रंग का ! झकास लगेगा ! गाड़ी मे उजाला परदा लगा लेंगे ! सीट पर सफ़ेद तौलिया , फर वाला बिछा देंगे ! २- ४ ठो चेला चपाटी बना लेंगे ! सप्ताह दू सप्ताह पर गांव से घूम आवेंगे !
रंजन ऋतुराज सिंह , नौएडा
Saturday, September 8, 2007
बिदाई : श्री मदन मोहन Jha
मूलत: भागलपुर जिले के भागलपुरा गांव निवासी डा.मदन मोहन झा के निधन के वक्त उनकी धर्मपत्नी श्रीमती निशा झा मौजूद थीं। उनके करीबी रिश्तेदार बीएन झा ने बताया कि रिश्ते में उनके ममेरे बहनोई डा. झा के माता-पिता श्रीमती भवानी देवी और शकुन लाल झा जीवित हैं। उन्होंने बताया कि रात साढ़े तीन बजे अचानक उन्हें बेचैनी महसूस हुई। तत्काल एम्बुलेंस बुलाई गई और पीएमसीएच के इन्दिरा गांधी हृदय रोग संस्थान ले जाया गया,जहां चिकित्सकों ने रात के करीब साढ़े चार बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अपने कैरियर का आगाज पटना विश्वविद्यालय में भौतिकी के प्रोफेसर के रूप में करने वाले डा.मदन मोहन झा ने आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि अर्जित की थी। शिक्षा पर उनकी ख्यातिनाम पुस्तक आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रेस से प्रकाशित हुई। प्राथमिक शिक्षा और विकलांग शिक्षण पद्धति के राष्ट्रीय विशेषज्ञ माने गए डा.झा भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1976 में आए। डा. झा ने धनबाद और सहरसा समेत कई जिलों के जिलाधिकारी के रूप में महत्वपूर्ण कार्य किया। वे भारत सरकार में संयुक्त सचिव भी रहे। बिहार सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर योगदान दे चुके डा. झा 2011 में सेवानिवृत्त होने वाले थे पर नियति को कौन जानता है..!
Wednesday, September 5, 2007
श्री राजू नारायणस्वामी , केरल
- केरल राज्य माध्यमिक परीक्षा मे प्रथम
- +२ परीक्षा मे प्रथम
- IIT-JEE मे प्रथम दस
- IIT-मद्रास मे कंप्यूटर इंजीनियरिंग मे प्रथम
- "मस्सचुसेत्त्स" विश्वविद्यालय से आमंत्रण
- और सिविल परीक्षा , १९९१ मे प्रथम
- केरल कैडर के आईएस अधिकारी
- केरल साहित्य अकादमी से पुरस्कृत
इमानदार छवी के इस अधिकारी के कई बातें मशहूर हैं ! कहते हैं इन्होने ने अपने ससुर को ही कटघरे मे खड़ा कर दिया जब इनके ससुर अपने आईएस दामाद के नाम को भंजाने कि कोशिश कि ! अभी हाल मे ही केरल के एक मंत्री को अपना इस्तीफा देना पड़ा - क्योंकि राजू नारायणस्वामी उनके पीछे पडे थे !
ज्यादा डिटेल मे जानना है तो पढिये :-
http://www.indianexpress.com/story/214374.html
http://think-free.blogspot.com/2005/11/raju-narayanaswamy-ias.html
http://en.wikipedia.org/wiki/Raju_Narayana_Swamy
कुल मिला कर आपको यही लगेगा कि क्या "बिहार-UP " और क्या "केरल" सभी जगह के लोग एक जैसे हैं और सभी जगह SYSTEM मे कुछ ईमानदार अधिकारी है जिनके कारण यह SYSTEM चल रह है ! कुछ ऎसी ही कहानी बिहार के एक IPS अधिकारी कि रही है जिन्होंने अपने ससुर के घर ही vigilence का छापा पड़वा दिया था और मूड खराब हुआ तो राज नेताओं के गरम बिस्तर कि लाश को निकलवा लिया !
समाज को बिना किसी भेद भाव , जात -पात के द्वेष इस तरह के ईमानदार अधिकारीयों को हीरो बनाना चाहिऐ ताकी वोह राज नेताओं को नंगा कर सके !
लेकिन ऐसे अधिकारी सिर्फ और सिर्फ अपने होम कैडर मे ही हीरो बन पाते हैं ! अभी हाल मे ही गुजरात के एक बेहद ईमानदार आईएस अधिकारी जो बिहार के रहने वाले हैं , उन्होने इस्तीफा दे दिया और मुकेश अम्बानी कि team मे सबसे ज्यादा तनखाह पाने वाले अधिकारी बन गए ! दुर्भाग्यवश , मोदी अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नही किये हैं !
कुछ भी कहिये एक ईमानदार आईएस या IPS के सामने सभी पेशा फीका है !
रंजन ऋतुराज सिंह , नौएडा
Sunday, September 2, 2007
असली हीरो !
Saturday, September 1, 2007
संसद और सांसद
रंजन ऋतुराज सिंह , नौएडा