Monday, February 11, 2008

तमसो माँ ज्योतिर्गमय !!!













रंजन ऋतुराज सिंह , नॉएडा

3 comments:

अनिल रघुराज said...

काट अंध उर के बंधन स्तर, बहा जननि ज्योर्तिमय निर्झर, कलुष भेद तम हर प्रकाश भर, जगमग जग कर दे....

Sanjay Tiwari said...

बहुत अच्छे चित्र.

संजय शर्मा said...

कमल आसन छोड़ दे माँ , देख मेरी दुर्दशा.