Thursday, September 25, 2014

कृष्णा ...ओ..कृष्णा .....

कृष्णा ...ओ..कृष्णा .....
कहाँ एक और तुम्हारा प्रेम का अति.......तुम्हारा रास ..कहाँ दूसरी और ...युद्ध का अति ...तुम्हारा महाभारत .....एकतरफ राधा की मटकी फोड देना ...तो दूसरी ओर द्रौपदी की लाज की रक्षा ... ...सुदामा का भी ख्याल .. कृष्णा ...ओ कृष्णा .......कहाँ एक और ..नटखट माखन चुराता ...कहाँ दूसरी और गीता से जीवन दर्शन ...महाभारत के बाद तूम 'गाधारी' का श्राप भी लेते हो ...
.कृष्णा ..ओ कृष्णा ..तुम सम्पूर्ण हो ...
.......कृष्णा ..ओ कृष्णा .....
~ 9 August 2012 

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