Wednesday, December 16, 2015

कश्मीरी

कश्मीरी आया होगा - शाल बेचने ! माँ, चाची , मामी , फुआ , पड़ोस वाली आंटी लोग सब लोग उसको घेर के बैठ गए होंगे ! उसके गठरी की एक - एक शाल को देख रहे होंगे ! माँ भी दो शाल ली होगी - सस्ता ! पश्मीना कभी देखा नहीं - ख़रीदा नहीं - छुआ नहीं - ओढा नहीं ! पूछने पर् बोलेगा - बीस् हज़ार से शुरू ही होता है ! पश्मीना के नाम पर् 'पश्मीना मिक्स' कोई दो तीन हज़ार में बेच जायेगा ! इस् बार बड़ा दिन की छुट्टी में घर जाऊंगा तो माँ वो शाल मुझे दिखाएंगी और वापस लौटने वाले दिन मेरी पत्नी को दे देंगी - ढेर सारे स्नेह के साथ ! 
कश्मीरी फिर अगले साल ...नए शाल के साथ आएगा !
smile emoticon
~15.12.2011

@RR

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