Monday, February 13, 2012

स्टेटस सिम्बल - पार्ट 4

राजेंद्रनगर ओवरब्रीज के पास कंकरबाग में 'चौरसिया पान दूकान' पर् शर्मा जी भेंटा गए ! शर्मा जी उम्र में काफी बड़े हैं पर् हम सभी उनको शर्मा जी ही कहते हैं ! पटना की एक मात्र इंडस्ट्री - ओल्ड सेक्रेटेरिएट में काम करते हैं - अब वो किस पोस्ट पर् हैं - मुझे नहीं पता ! मंकी कैप - एक बड़ा चादर लपेटे हुए अपने वेस्पा से वो थे ! आदतन हम पूछ दिए - तब ..शर्मा जी ...बेटी का बियाह तय हो गया ? मंद मंद मुस्कुराते हुए बोले - हाँ , रंजू बाबु ..तय हो गया :) ! हम पूछे ..कहाँ किये ? वो अब शुरू हो गए - ' मेरे होने वाले समधी 'फलाना बाबु' इंजिनियर इन चीफ हैं - तीन बार तो सस्पेंड हुए हैं और एक बार 'इनकम टैक्स' का छापा भी पड़ा है ! आपका नॉएडा वाला बिल्डर भी इनके संपर्क में रहता है , बोरिंग रोड में दूकान है - इनकम टैक्स वाला का ताला लगा हुआ है - एक सुर से वो अपने समधी के 'सस्पेंसन और छापा' का कहानी एक सांस में सुना दिए ! हम भी सुन लिये ! अंत में हम बोले - चलिए ..बेटी को सुख होगा ! 

इंदिरापुरम में फ़्लैट ख़रीदे नहीं की - बिल्डर लोग के यहाँ 'छापा' पडने लगा ! हम त घबरा गए - लगता है - पईसवा डूबा ..का ?  छापा के दिन हम कितना परेशान थे - कॉलेज से भागे भागे आये - बजाज चेतक स्कूटर से पूरा इंदिरापुरम का चक्कर लगाए - दूर से सब देख रहे थे ! इनकम टैक्स वाला चला गया - भाई लोग से पूछे - क्या हुआ ? भाई लोग बोला - कुछ नहीं ..इनकम टैक्स कमिश्नर गिडगिडा रहा था - कुछ तो 'डीक्लेयर' कर दो - वरना वापस डिपार्टमेंट में क्या मुह दिखायेंगे ! बाद में पता चला - बिल्डर भाई को - बिल्डर समाज में इज्जत नहीं मिल रहा था - छापा पड़ने के बाद - इज्जत में भारी उछाल आया - पंजाबी बिरादरी के बिल्डर्स में अपना 'बिहारी भाई' भी शामिल हो गया - अब 'पार्टी' होता है तब अपना 'बिहारी बिल्डर्' को भी बुलाया जाता है ! फ़्लैट भी दनादन बिकने लगे - कस्टमर को कनफिडेंस आ गया - बिल्डर बड़ा पार्टी है - तब न इनकम टैक्स का छापा पड़ा है ! 

पटना में एक डाक्टर दम्पती होते हैं - अंतरजातीय विवाह किये हैं - नालंदा जिला के ! स्कूटर से घुमते नज़र आ जाते थे - हम तो सीधा मुह बात भी नहीं करते - मालूम नहीं कहाँ से पैसा आ गया - छापा पड गया ! छापा क्या पड़ा - अब वो बड़े डाक्टर के समाज में उठना - बैठना शुरू कर दिए - मुश्किल से एक एक्स रे चलाने वाले - अब सीटी स्कैन और एम आर् आई के मलिक हो गए ! मैडम मिल गयीं - हम पूछ बैठे - का मैडम ..इनकम टैक्स वाला कुछ लेकर गया है की ..कुछ देकर ? हद हाल है ! वैसे भी पटना का डाक्टर समाज पूर्णतः 'फयूडल सिस्टम' पर् आधारित है - अब इस् फयूडल सिस्टम में अपना जगह बनाने का एक ही रास्ता सुगम है - आपके यहाँ इनकम टैक्स का छापा पड़े ;) 

दिल्ली में कुछ बिजनेस मैन दोस्त हैं - छापा पड  गया - छापा पड़ते ही मुझे खबर आ गयी - हम सोच में पड़ गए - मुझे उन्हें सांत्वना देना चाहिए या बधाई - हम चुप रह गए - दो तीन दिन तक हम फोन नहीं किये - किसी तीसरे से खबर आई - वो मुझसे मुह फूला लिये हैं - बेवजह एक बढ़िया सम्बन्ध - नेवता पेहानी तक बंद हो गया :(  एक बचपन से मुझमे यह कमी है - समय पर् मेरा दिमाग काम करना बंद कर देता है :( 

पटना में ससुराल वाले हमेशा परेशान रहते हैं - जब तब कोई इनकम टैक्स कमिश्नर हड़का देता है ! दरअसल उसमे बहुत पेंच है - एक पेंच 'जात पात' वाला है !

एक मित्र हैं - दवा के कारोबारी ! उनके ससुर जी बिहार सरकार में हैं ! हर महीना में एक दिन वो 'छापा' वाला कहानी सूना देते हैं - पैसा वाले हैं ..सुनना पड़ता है ..कैसे अचानक इनकम टैक्स वाला उनके ससुर  जी के यहाँ आया ..कैसे सारा पैसा वो अपने घर में 'डाइनिंग' टेबुल पर् रखे ...फिर अचानक इनकम टैक्स वाला उनके घर आ गया ...सारा पैसा डाइनिंग टेबुल पर् ही मिल गया ...कैसे वो केस लड़े ..फिर कैसे जीत गए ..और कैसे उनका सारा ब्लैक ..बिना खर्च के व्हाईट हो गया ! सुनना पड़ता है ...हाथ ऊपर कर के ..जम्हाई लेते हुए ..उनका कहानी ! 

एक भैया हैं - बिहार के एक बहुत ही बड़े खानदानी परिवार से आते हैं - अलायड अफसर हैं - आई आर् एस अफसर की ट्रांसफर पोस्टिंग उनके जिम्मे थी ! एक बार घर पर् आये ..संभवतः मेरी बहुत इज्जत करते हैं ! हम बोले ..बढ़िया नौकरी है - बोले बस तीन साल के लिये ही मिनिस्ट्री ऑफ फाईनांस में हूँ - दो घंटा मेरे घर रुके - उस दो घंटा में बीस चीफ कमिश्नर और चार्टेड एकाउंटेंट का फोन आया - अंत में वो फोन बंद कर दिए ! हम बोले - चीफ कमिश्नर लोग का फोन तो ठीक है ...ई 'चार्टेड एकाउंटेंट लोग काहे फोन कर रहा है ?'  हंसने लगे ...बोले ..चुप चाप 'पढ़ने - पढाने का काम करो' ...ज्यादा दिमाग मत लगाओ ! हम भी चुप रह गए ! 

पूर्वी दिल्ली में एक मोहल्ला है 'लक्ष्मी नगर' ...जिस तरह कंकरबाग पटना में हर मकान में एक डाक्टर ..वैसे ही यहाँ हर एक मकान में 'चार्टेड एकाउंटेंट' ...दिन भर 'ब्लैक का व्हाईट' व्हाईट का ब्लैक' - मेरा अनुमान है - इस् मोहल्ले से प्रतिदिन करीब 'पांच सौ करोड़' रुपैये 'धुलाते' हैं ! दो प्रतिशत का खर्च है ..क्या दो कहता है ..सब ...'पैसा घुमा देना' ..हा हा हा हा हा हा ! इस् तरह का कहानी सुन के ..पैसा क्या घूमेगा ..मेरा दिमाग घूमने लगता है ....हा हा हा हा हा हा ....पुरे विश्व में आर्थिक मंदी आई ..भारत बच गया ...एक वरिष्ठ सज्जन ने कहा - भारत की इकोनोमी को 'ब्लैक मनी' 'टाने' हुए है..गिरने नहीं देता है ... ! 

कुछ भी कहिये ...समाज के अपने नियम कानून हैं ...इज्जत पाना है तो कम से कम एक बार 'इनकम टैक्स' का छापा तो होना ही चाहिए ...वरना ऐसा लगेगा ...ये जीवन छूछा ही गुजर गया ...



रंजन ऋतुराज - इंदिरापुरम !