Wednesday, December 16, 2015

अरुण शर्मा / Arun Sharma CAT IIM

‪#‎Mulakat‬ - Arun Sharma / CAT Coach 
कल दोपहर अरुण से मुलाक़ात हुई । पटना आए हुए थे । अकेले थे सो लम्बी और एकदम खुल के सीधे गप्प हुआ । पिछली दफ़ा माता पिता और उनका पूरा परिवार था । 
अरुण कल भी CAT के ब्राण्ड थे । आज भी हैं । सत्रह अठारह साल पुरानी जान पहचान है । तब वो पटना में रहते थे । पटना के हृदय में एकड़ में फैला हुआ उनके दादा जी का मकान । हमउम्र ही हैं । सीधी बात करते हैं । १९९९ में उनके पास गया था - मुझे अमेरिका में किसी विश्वविद्यालय में एडमिशन लेना है - बेहतरीन नेक टाई , शर्ट और दो दो टन के दो एसी के बीच वो सुस्ता रहे थे । अब हम अमेरिका में क्या एडमिशन लेते - दोस्ती हो गयी । गप्प चालू हो गया । फिर मैंने पटना छोड़ दिया - एक आध साल बाद वो भी लखनऊ बस गए । क़रीब ग्यारह साल पहले मैं ग्रेटर नॉएडा के ग़लगोटिया कॉलेज में एक्ज़ामिनर बन के गया था तो वो मिलने आए । सबने पूछा ये कौन हैं - मैंने कहा - "हर साल CAT कम्पीट करते हैं " ! तब वो अपनी किताब के सहारे नेशनल ब्राण्ड बनने की ओर अग्रसर थे और आज अपने पब्लिशर मैकग्राहिल के सबसे चहेते लेखक ।

बस यूँ ही - चाय और 'निमकी' के साथ - एक बेहद सहज भाव से डेढ़ दो घंटो तक लगातार गप्प । विश्व की राजनीति से लेकर पटना का भविष्य 😶 जब दो लोग - हमउम्र बैठते हैं - फिर बातचीत एक दरिया के माफ़िक़ हो जाती है । कई विषय एक गप्प में मोती के माला की तरह पिरो होते हैं । बग़ैर किसी नक़ाब के - बग़ैर किसी अंह के । 
अरुण एक नयी किताब लेकर आ रहे हैं - जिसका टीज़र विडीओ उनके वाल पर है । बातों बातों में ज़िद्द कर देते हैं - आप भी किताब लिखिए । किताब लिखना और उसे बेस्टसेलर बना देना उनके बाएँ हाथ का खेल है सो वो मुझे भी इस खेल शरीक होने का दबाव बनाते हैं । 
हर किसी के जीवन में उतार चढ़ाव होता आया है । स्थान / कैरियर परिवर्तन इत्यादि इत्यादि । पर अरुण की सबसे बड़ीं ख़ासियत यह है की - वो रुकते नहीं है - चलते चले जाते हैं । फिर कुछ दिन बाद पता चलता है - अरे ...अरुण तो एक नए मुक़ाम पर हैं ...:)) 
नयी किताब की शुभकामनाएँ ...स्पेसिमेन कॉपी भेजवा दीजिएगा ...:))


@RR

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