Thursday, January 15, 2009
मेरी मर्ज़ी !
आप भी दूध के धुले तो हो नही ! बड़ा चिल पों मचा रहे हैं आजकल आप लोग .थोड़ा सा प्रतिबन्ध क्या लगा ,लगे अपने आपको लोकतंत्र का सबसे सजग प्रहरी बताने . अरे आप सजग रहते तो सरकार सजग नही रहती क्या ? आपके प्रसारण पर रोक लगाने वाला सरकार कहाँ से हो गया .ये काम तो आपके चैनल के मालिक के जिम्मे था . अच्छा किया विरोध करके . भला एक आई एस अफसर को क्या समझ हो सकती है ख़बर के असर का .ख़बर का असर कैसे ,कहाँ ,और कब डालना है ,कोई आप मिडिया से सीखे .कड़ी मेहनत सच्चे लगन से अर्जित पत्रकारिता का डीग्री डिप्लोमा से भला ,झटके में पाई जिला समाहर्ता के पद से कैसी तुलना .दिखाइए न जो जो दिखाना है , जो हो रहा है उसी को तो दिखाते है आप . प्रिन्स को गढे में आपने नही डाला था . सैफ अली के हाथ पर करीना आपने नही लिखा था .अभिषेक की ऐश्वर्या से शादी आपने तो कराई नही .मुंबई हमले पर लगातार आपकी देशहित नजरें थी ही . पर कैमरा उधर मुंह घुमा ही लेता है जहाँ देश हित नजर आए .राजनीतिक विचार धारा में डुबकी लगाने वाले पंडूबी पक्षी आप भी है .तभी तो गुजरात और दिल्ली से जीतते हुए को हार के कगार पर खड़ा बताते रहे . हरवक्त केवल शिवराज पाटिल ही नही कोट बदलते थे ,आप भी चोला बदलते रहते हैं . लोकतंत्र के चारो प्रहरी में से कोई एक भी सजग नही है .एक सोया आदमी दुसरे सोये को कैसे जगा सकता है ? अपनी जोरदार खर्राटे से ? चौबीस मिनट के लायक जिसके पास समाग्री न हो वो चौबीस घंटे चैनल बजा रहा है . आप तो माध्यम हो सरकार बनाने गिराने का आप पर प्रतिबन्ध सर्वथा अनुचित है .एक दुसरे के लिए सिद्ध खतरे की घंटी को बजने देना चाहिए . देश हित में जरूरी है अधिकार अपनी मर्ज़ी का .कर्तव्य भी अपनी मर्ज़ी का . मैं चाहे ये करू मैं चाहे वो करूँ मेरी मर्ज़ी . है कि नही ?
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9 comments:
sahi kaha...
आईला !आब भी प्रेस की आज़ादी पर हमला करते है.......घेरो घेरो ...
bahut sahi kaha aapne....
ekdam sahi!
Excellent ! Sanjay Bhaiya ! Maza aa Gaya PADH KE !
humesha ki tarah.. best hai..
Bilkul satik jabab. Ek aam aadmi ki dil ki baat aapne kah di.
Yadyapi media me bhi gandagi hai lekin itni nahi ki uske upar censorship laga di jaye..
अच्छा लगा विचारों में समानता हैं।भगवान से दुआ करीये लोकतत्र के प्रहरी होने का दावा करने वाले को सदबुद्दि आये।
संतोष(ई0टी0भी0पटना)
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