तन्हाईओं में तेरे... अब सारे सवाल मेरे हैं ...
चाहतों में तेरे ...सारे ख्याल मेरे हैं ...
संगमरमर में तेरे... वो निशाँ मेरे हैं ...
पिघलते रूह के ...चश्म - ए - सैलाब में
... जब तुम देखते हो...मुझे यकीन है....
...वहां सिर्फ हम ही हम हैं .........
~~ RR
१६ दिसंबर - २०१२
कभी पूछना चाँद से
वो पिघलता क्यों है ...
कभी पूछना आसमान से
वो झुकता क्यों है ..
कभी पूछना गुलाब से
वो महकता क्यों है ...
कभी पूछना सूरज से
वो तपता क्यों है ...
कभी पूछना रात से
वो इतना जागता क्यों है ...
कभी पूछना अपने दिल से
उसमे बसता कौन है ..
कभी पूछना अपने ख्वाबों से
उसमे आता कौन है ...
कभी पूछना अपने खुदा से
वो रहता कहाँ है ... :))
~~ RR
१४-१५ अक्टूबर , २०१२
ऐरावत से न पूछना ....तुम इतने विशाल क्यों हो ...
शिव न पूछना ...तुम नीलकंठ क्यों हो ...
दुर्गा से न पूछना ...तेरी शक्ती कहाँ से आयी ...
मुझसे न पूछना ...मेरी भक्ती कहाँ से आयी ...
शिव न पूछना ...तुम नीलकंठ क्यों हो ...
दुर्गा से न पूछना ...तेरी शक्ती कहाँ से आयी ...
मुझसे न पूछना ...मेरी भक्ती कहाँ से आयी ...
१ अगस्त - २०१२
उस चाँद को कैसे आदाब करूँ ...
जो पास आकार भी बादलों की ओट में छुप गया ....
उस चांदनी में कैसे खुद को जगमगाऊं....
जो पास आकार भी बादलों में बिखर गयी .....
~~RR
१ अगस्त - २०१२
जो पास आकार भी बादलों की ओट में छुप गया ....
उस चांदनी में कैसे खुद को जगमगाऊं....
जो पास आकार भी बादलों में बिखर गयी .....
~~RR
१ अगस्त - २०१२
कब माँगा तुझको तुझसे
कब माँगा तुझको रब से
माँगा तो ...कुछ
तेरे एहसास खुद के लिए
तेरी धडकन खुद के लिए
तेरी चाहत खुद के लिए
कब माँगा तुझको तुझसे
कब माँगा तुझको रब से
माँगा तो ...कुछ
तेरी वफाई खुद के लिए
तेरा जागना खुद के लिए
तेरे ख्याल खुद के लिए
बोलो
कब माँगा तुझको तुझसे
कब माँगा तुझको रब से
~~ RR
कब माँगा तुझको रब से
माँगा तो ...कुछ
तेरे एहसास खुद के लिए
तेरी धडकन खुद के लिए
तेरी चाहत खुद के लिए
कब माँगा तुझको तुझसे
कब माँगा तुझको रब से
माँगा तो ...कुछ
तेरी वफाई खुद के लिए
तेरा जागना खुद के लिए
तेरे ख्याल खुद के लिए
बोलो
कब माँगा तुझको तुझसे
कब माँगा तुझको रब से
~~ RR
शब्द चोट देते हैं ! शब्द मरहम लगाते हैं ! शब्द तुम्हारे पास खिंच लाते हैं ! शब्द तुमसे दूर ले जाते हैं ! लाल सूरज से लेकर चमकते चाँद तक मेरे शब्द ....अमावास की रात सितारों से जगमाते हमारे शब्द ... ...जो शब्द तुम्हे पसंद हो खुद ही चुन लेना ..कुछ मैंने भी चुने हैं ...कुछ तुम भी चुन लो ...
~~ रंजन
~~ रंजन
3 comments:
Mast hai dalan padhkar hamesha gaun ki yaad aati hai aur kai baar aasun v aa jate hai
Hello. And Bye.
yes
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