राज्यसभा चुनाव आते ही फ़िर से एक बार - वनवासियों का प्रदेश "झारखण्ड" बिकने को तैयार है ! मुकेश अम्बानी के दूत श्री परिमल नाथ्वानी जी निर्दालिये उम्मीदवार के रूप मे राज्य सभा के लिए तैयार है ! जीत स्वाभाविक है ! पर कई साल जमीन के धूल चाटने वाले राजनीतिक उम्मीदवारों का क्या होगा ?
पैसा मे बहुत दम है - यह मेरा ८ वर्षीय बेटा भी जानने लगा है ! शायद उसे एक शिक्षक पुत्र होने और महानगर की संसकृति की दबाब ने बहुत कम उमर मे "काफी परिपक्वा" बना दिया है ! उसे पता है - उसके पिता क्या खरीद सकते हैं और क्या नही - शायद यही "आभाव" उसके उज्जवल भविष्य को इंगित करता है !
रंजन ऋतुराज सिंह , नॉएडा
2 comments:
बहुत बढिया अभिव्यक्ति , सोचने पर मजबूर कर दिया !
Paisa hai to aaj sabkuchh mil jata hai..yahi prove karta hai...
Bahut hi achha aur samayik article...
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