२२ दिसंबर को परिवार को 'पटना' जाना था ! सो मै लंच के बाद कॉलेज से लौट आया ! अभी लिफ्ट में ही था की फोन की घंटी बजी और उधर थे सी एन एन से आकाश - हिन्दी में ही :) बोले आज शाम आप सी एन एन आई बी एन 'अवार्ड समारोह' में आमंत्रित हैं - ताज पैलेस होटल में ! मै मंद मंद मुस्काया और 'प्रभाकर ' को रिंग किया - बोला ..थैंक्स भाई ...!
फ़्लैट में घुसा तो पत्नी को बोला - तुम लोगों को ट्रेन में बिठा कर - मुझे 'अवार्ड समारोह' के लिये निकल जाऊंगा ! सो कोई बढ़िया सूट निकाल दो - प्रिंस - बंद गला - थ्री पीस - टू पीस - इंग्लिश :( खैर ..एक बढ़िया ग्रे कलर का सूट - सफ़ेद कमीज़ और एक नयी टाई सेलेक्ट हुई - फिर हुआ की स्टेशन पर् 'सूट' गन्दा हो जाएगा - सो कार में ही कोट लटका रहेगा !
स्टेशन पर् पहुंचा - वहाँ 'कृष्ण सर ' मिल गए - उनको भी बताया - 'सी एन एन - आई बी एन अवार्ड' समारोह जा रहा हूँ :)
पुरानी आदत है - समय से पहले पहुँचने का :) आधा घंटा पहले पहुँच गया - लॉबी में खडा था - राजदीप से मुलाकात हुई - ब्लैक कलर के बंद गला में 'गजब के स्मार्ट दिख रहे थे ! स्वभाव से शर्मीला हूँ सो थोड़ी देर बाद आकाश को फोन किया और वो मुझे 'दरबार हौल में पहले से निर्धारित एक टेबल पर् बैठा दिए ! चुप चाप ! थोड़ी दूर पर् थे - 'कुमार मंगलम बिरला - अपने दादा जी और दादी जी के साथ ' सभी से मिल जुल रहे थे ! धीरे - धीरे सभी गेस्ट पहुँचाने लगे - वो सभी लोग थे - जिनको आज तक हम जैसे लोग सिर्फ 'अखबार और टी वी ' में ही दिखते थे ! प्रणव मुखर्जी , नितिन गडकरी , सुशील मोदी , ज्योतिराजे सिंधिया , रवि शंकर प्रसाद , विजय त्रिवेदी , सर मेघ्नंद देसाई , "सुधांशु मित्तल" और मालूम नहीं कितने लोग .....हम तो अपने टेबल पर् ऐसे बैठे थे - जैसे इन लोगों से रोज ही मुलाक़ात होती हो .....;)
प्रोग्राम शुरू हुआ ..राघव जी कुछ बोले ...लिंक लगाया हूँ - आप लोग देख लीजियेगा ....फिर आये 'राजदीप सरदेसाई' ! मै उनको गौर से देख रहा था - आँखों में भोलापन् - चेहरे पर् गजब का आत्मविश्वास ! मै कई 'पत्रकारों' से मिला हूँ - और सबका यह मानना है की 'राजदीप' एक बेहद ही बढ़िया 'इंसान' है ! एक सच्चे नेतृत्व का यह एक विशेष गुण होता है !
और फिर शुरू हुआ - अवार्ड समारोह - मै दो लोगों से बेहद प्रभावित हुआ - एक 'कुमार मंगलम बिरला' - सचमुच - जो वृक्ष फल से लदा होता है - वो उतना ही झुका होता है ! उनके दादा जी 'सी के बिरला और दादी जी' कितने खुश थे ! दूसरे थे - "पत्रकार - गोपीनाथ" जिन्होंने 'टू जी' स्कैम का पर्दाफाश किया - जब वो स्टेज पर् आये तो - पीछे खड़े कई पत्रकार सबसे ज्यादा देर तक - आँखों में खुशी के आंसू लिये 'ताली ' बजा रहे थे ! यह अवार्ड था उन पत्रकारों के लिये - जो 'सता की गलियारी' के चहलकदमी नहीं कर अपना काम ईमानदारी पूर्वक करते हैं - !
नितीश को इन्डियन ऑफ द इन्डियन का अवार्ड मिला - मेरे बगल में एक विदेशी और बेहद ख़ूबसूरत - शालीन महिला बैठी थीं - जब नितीश को अवार्ड मिला तो - खुशी से आंसू आ गए - यह सम्मान - सभी बिहारी के लिये था ! हम तो कुर्सी से खडा हो गया - सबसे देर तक ताली बजाया - विदेशी महिला ने मुझसे पूछा - ये कौन हैं ? मैंने बोला - अगला 'प्रधानमंत्री' :)) मेरे दूसरी तरफ एक बिहारी भाई थे - हम उनके हाव भाव से पहचान लिये थे की - बिहारी हैं - अब भाई इतना बड़ा फंक्शन में - कौन किसको टोके ;) जब नितीश के नाम पर् हम दोनों खडा होकर - ताली बजाये और एक दूसरे को देख 'मुस्कुराए' तब मैंने बोला - पहले बोलना था न् .."बिहारी" हूँ :))
प्रोग्राम खत्म हुआ - भर पेट भोजन हुआ ! "सुधांशु मित्तल" मुझसे कुछ बात करना चाह रहे थे - पर् मेरे पास वक्त नहीं था ! फोन पर् 'प्रभाकर' को बहुत बहुत धन्यवाद दिया - लौटते वक्त रास्ता भूल गया :( एक बिहारी ऑटो वाला मिला - "मोतिहारी" का - उसने रास्ता बताया -
बढ़िया लगा ....बहुत दिन तक 'नितीश' के शब्द कानो में गूंजते रहे .....राजदीप का भोलापन याद आता रहा ...कुमार मंगलम बिरला ......गोपीनाथ ....
प्रोग्राम देखने के लिये - यहाँ क्लिक करें ! जरुर देखें !
रंजन ऋतुराज - इंदिरापुरम !
10 comments:
Last tak taali bajaate rahe :). Great pride and you became party to the proud moment.
- विदेशी महिला ने मुझसे पूछा - ये कौन हैं ? मैंने बोला - अगला 'प्रधानमंत्री' :))
इसको कहते है हाजिर-जवाब :)
एक बार और देखना पड़ेगा अवर फंन्क्सन अपने मुख्या जी को तली बजाते हुए देखने के लिए. पता नहीं कम्बख्त कैमरा मैंन ने उस पल को रिकॉर्ड किया की नहीं.
बहुत खूब रंजन जी. और धन्यवाद प्रभाकर जी को भी.
बहुत अच्छा लगा आपकी आंखों से अवार्ड फ़न्कशन देखना। अगले प्रधान मंत्री से मिलना भी।
हमारा सर गर्व से ऊंचा जो हुआ है! आभार।
खूब बढ़िया रहा...
नीतिश जी वाला समाचार सुनके अच्छा लगा..
bahut badhiya likhe...ham bhi you tube dekhe nitish jee wala part. Dil khush ho gaya. Ham bhi aate lekin kisi karnavash aa nahi paye...
Agla pradhanmantri to nitish jee jarur banenge...
बधाई , अच्छा - जीवंत चित्रण ।
बहुत ख़ूब...आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा...
bahut sunder chitratmak lekh,ekdam aankhon me ghoom raha hai.
You do not judge media-person by how they look or how politely they talk. They are judged by their wherewithal to deliver unbiassed news. Goign by what mr Rajdeep Sardesaai did when Manmohan Singh doled out 25 crore each MP for savign his chair he is anything but credible. reminds me Advani's words apropos emergency era behaviour of media with exception of Ramnath Goenka's Indian express, "They (Indira Ganhi her henchmen) asked you to bend , you started crawling."
In light of new revelation of congress/media/corporate nexus through Neera Radia tapes and Rajdeep's impassioned defence of the dalal like behavious of media puts further question mark on his credibility. It's pertinent to mention here when Editor's guild had a talk on media morality where Rajdeep provided defence of soul-selling by some luminaries like Barkha Dutt and Veer Sanghavi journalists themselves remakred was it messge from 'editors' guild' or 'editor's guilt'.
So you finally saw the worth of Nitish and in pure digital mode went from complete rejection of Nitish to PM-Nitish. Bihari pride aside but to think that anyone with possibility of at best 25 MP can be PM is invitation to another ChandraShekhar style regime. PM should always be from the largest segment of the coalition. So as much as I would like Nitish to be PM unles he officially joins BJP this is not going to happen. I did not say congres because in congress PM chair after Manmohan Singh is booked for silver-spooned Rahul Baba till eternity
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