शायद वोह मुम्बई मे बसें हुये हैं ! शायद वोह भी एक पत्रकार है ! शायद वोह वामपंथी विचारधारा से प्रभावित हैं ! कुछ भी हो लेकिन लिखते एकदम मस्त हैं !
वोह लिखते हैं :-
" जन्मस्थान के प्रति प्रेम के स्तर पर भी आदमी और कुत्ते के बीच कोई मुक़ाबला नहीं। कुत्ते का अपनी ज़मीन से जो ममत्वपूर्ण लगाव है, आदमी क्या उसके घुटने तक भी पहुंचने की सोच सकता है? नहीं सोच सकता. बिलासपुर या पटना के किसी कुत्ते के बारे में आपने कभी सुना है कि वह अपनी धरती छोड़कर पैरिस या न्यूऑर्क जा बसा? नहीं सुना होगा. क्योंकि कुत्ते जिस ज़मीन की नमक खाते हैं, उसी का कर्ज़ अदा करते-करते इस नाशवान जीवन का होम कर देते हैं. जबकि आदमी इस नाशवान जीवन का होम करने उसे कितने सैकड़ा व हज़ार किलोमीटर दूर, कहां-कहां नहीं ले जाता? मुहावरे में भी आदमी को ही नमक हराम बताया गया है. कुत्ते को नमक हराम बताने की घटना प्रकाश में आई है? नहीं, अभी तक अंधेरे में है.
ranJan rituraJ sinh , NOIDA
5 comments:
हिन्दी ब्लॉगिंग मे आपका स्वागत है।यदि आप लगातर हिन्दी मे ब्लॉगिंग मे करने का मन बनाते है तो आप अपना ब्लॉग नारद पर रजिस्टर करवाएं। नारद पर आपको हिन्दी चिट्ठों की पूरी जानकारी मिलेगी। किसी भी प्रकार की समस्या आने पर हम आपसे सिर्फ़ एक इमेल की दूरी पर है।
aadmi ka kate aadmi nahee bachta kutta ka kate teen aadmi bache hain abhee tak rabies se.
बहुत सही है,एकदम खरी बात-
किसी कुत्ते के बारे में आपने कभी सुना है कि वह अपनी धरती छोड़कर पैरिस या न्यूऑर्क जा बसा? नहीं सुना होगा.
मस्त रहो, बच्चा.. मगर तनकी संभल के.. जादा लड़ियाना कवनो समझदारी का काम नहीं है.
Pramod bhai jee , aapaka AASHIRWAAD mila , yahi mere liye bahut hai !
aapaka
ranJan
Post a Comment