Tuesday, August 14, 2007

धन्नो का देश प्रेम !

यह एक लोक गीत है जिसको मैंने पहली दफा अपने एक सीनियर श्री राजन श्रीवास्तव जीं से सुना था !

यहाँ पति और पत्नी के बीच तकरार चल रह है ! पत्नी अपने पति से "सोना के अंगूठी " का आग्रह कर रही है और पति उसको प्रेम्वार्तालाप मे ही कुछ और ला कर देने कि बात कह रहा है !

लीजिये :-

पत्नी : अरे , ये हो पिया , हमके मंगा द सोनवे के अंगूठी !
पति : अरे , ना हो ! धन्नो , तोहके मंगाइब पटना के चुनरी !

पत्नी : अरे , ना हो पिया , हमके मंगा द सोनवे के अंगूठी !
पति : अरे , ना हो धन्नो , तोहके मंगाइब पटना के चुनरी !
लाली रे चुनरिया , पहिन के चलबू तू डगरिया !
लागी स्वर्ग से उतरल हो कठपुतली !
से , तोहके मंगाइब पटना के चुनरी !

( अब थक हार के पत्नी कुछ और बोलती है , जरा ध्यान से सुनिये )

पत्नी : 'ननदी' के अंगूरी के सोना , कईलक हमारा मन पर 'टोना' !
पिया , सोना ना मंगाइब त घर मे कलह पडी !
हो , पिया ! हमके मंगा द सोनवे के अंगूठी !


( पत्नी के इस तर्क के सामने अब पति थक हार जाता है और जो बोलता है , उसे देखिए )

पति : अरे धन्नो , सोनवा विदेश जाई , जा के "मिग -जेट " लाई !
तब तहरा " सिन्दूर के रक्षा " होई !
से , धन्नो , तोहके मंगाइब 'पटना' के चुनरी !

( पति कि बात सुन के पत्नी भव भिह्वाल हो जाती है , सोना विदेश जाएगा , तब तो हमारे देश मे "मिग-जेट" आएगा और "सिन्दूर कि रक्षा" होगी ! अब सुनिये , कितनी सरलता से पत्नी बोलती है )

पत्नी : अरे , हाँ हो पिया , हमके मंगा द पटना के चुनरी !!!

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दोस्तों ! काल्ह १५ अगस्त है ! १९६२ , १९६५ , १९७१ और कारगिल मे कई माँ ने अपने सपूत खोये होंगे , कई बहन के भाई कि कलाई राखी के बिना ही चिता पर सजी होगी ! कितने बच्चे अपने पिता को खोये होंगे !कई औरतों के सुहाग सुने हुये होंगे !

प्रदीप जीं कि कविता याद आ रही है :-

ए मेरे वतन के लोगों
जरा , आंख मे भर लो पानी
शहीद हुये हैं , उनकी

जरा याद करो कुर्बानी

जय हिंद ! जय हिंद ! जय हिंद !

रंजन ऋतुराज सिंह ,नौएडा

3 comments:

ghughutibasuti said...

बहुत ही प्यारा व सीधा साधा सा गीत है । पढ़वाने के लिए धन्यवाद ।
घुघूती बासूती

Udan Tashtari said...

जय हिन्द. वन्दे मातरम!!

संजय शर्मा said...

Dhanno ka Desh Prem to hai hi par usase jyada Mardawa ki Chalaaki hai
Kharcha karne se bach gaya,Jai Hind,Jai Hind kar kar ke.
Chalo ek technic to hath aayee.Jab bhi uss side se Demand Aayegi Bandook Dushman ki taraf kar diya karange.
Vande Matram to Dil se Bolna hi hai.