भारत का संविधान क्या कहता है ? सभी "नागरिक " समान है ! क्या यह सचमुच सही है ? हमको त नही लगता है ! दुःख होता है , ना ? स्वाभाविक है !
राहुल "दहेज़ प्रथा" के खिलाफ बहुत बोलता है ! उसको यह बिल्कुल पसंद नही है ! जिस कम्पनी ने उसको पहली दफा नौकरी पर रखा , राहुल उसको छोड़ कर अब दुसरी कम्पनी मे चला गया ! हम पूछे कि पहली वाली कम्पनी के "प्रोजेक्ट" का क्या हुआ ? थोडा झल्ला के बोला - " ठेका थोड़े ही लिए हुये हैं ? " ! हम चुप रह गए ! क्या बोलते ? बड़ा कम्पनी मे बहुत पैसा कमाता है ! यही राहुल है जो मेल मे नेता लोग को जीं भर के गाली देता है ! उसको सभी बेईमान लगते हैं ! खुद को शायद कभी नही देखा है !
रामाखेलावान को अपना नाम पसंद नही है ! कहता है , नाम से देहाती होने कि बू आती है ! सो वोह खुद को "R.K।" कहलवाना ज्यादा पसंद करता है ! कूदते -फान्दते वोह अब किसी कम्पनी मे बड़ा मेनेजर भी बन गया है ! अचानक "बिहार" प्रेम जाग उठा है ! कहता है - "बिहार को जात-पात खा गया है ! " बात तो बहुत ही बढ़िया कहता है ! कहता है "class" कि बात कीजिये - "caste " कि नही ! फिर कहता है - गंदे लोग जिसके गंजी से बदबू आती है -वोह "caste" कि बात करते हैं ! फिर हम बोले - आप जिस class कि बात करते हैं - वोह भी तो एक caste है ! मुझे जबाब दिया - मुखिया जीं , आपके धोती से गाँव कि बदबू आती है ! आप IIT से पढे लिखे नही हो ! आप आईटी सेक्टर मे काम नही करते हो ! कभी आईआईएम का मुह नही देखा , फिर कैसे - आप मेरे ड्राइंग रूम मे बैठ सकते हैं ! हम कहे - आप ठीक ही कह रहे हैं , बिहार को जात पात ही ले डूबा ! अब हम चलते हैं !
मनोहर पण्डे हमसे पूछ बैठे , आप कौन caste के हैं ? हम कहे , अब लीजिये - मनोहर दा , virtual बिहारी दुनिया का बच्चा बच्चा मेरा जात और class दोनो जानता है , आपको नही पता ! मनोहर पांडे बोले - तब त आप कहीँ के नही रहिएगा , ना त जात के और ना ही class के , future class का है ! class को ज्वाइन कर लीजिये !
मेरा मूड खराब हो गया , मन ही मन सोचे - ई मनोहरवा बहुत भचर भचर करता है , ईसका कोई उपाय करना ही होगा !
ranJan rituraJ sinh , नौएडा
2 comments:
दोहरा मापदण्ड बहुत खराब चीज है और साथ ही बहुत खतरनाक भी। इसी के साथ आपका स्वागत है!
दोहरा मापदण्ड हमारी मजबूरी भी है और जरुरत भी…
कै बार यह समझते हुए किया जाता है…।
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