Wednesday, October 1, 2014

एक इतवार ......

बड़ी मुद्दत बाद ऐसी इतवार आयी है - कभी तेज़ तो कभी हल्की बारिश हो रही है - बादलों ने पुरे आसमान पर अपना कब्ज़ा जमा लिया है और सूरज की घमंड को कुछ देर के लिए तोड़ ही दिया है - अब भादो तक बादल और सूरज की लड़ाई चलती रहेगी ! प्रकृती है - अपना संतुलन बनाए रखना जानती है :))
नींद भी बड़ी देर से खुली - बेडरूम के बालकोनी में बैठ गया हूँ - सामने एक चौड़ी सड़क है - और सड़क पार एक काफी हरा भरा पार्क ! सुबह से तीन कप चाय तो हो चुकी है - एक दो कप और हो जाए तो क्या बुरा है ..बड़े कॉफ़ी मग में कड़कदार आसाम चाय ....मग को दोनों हाथ से पकड़ ...लैप पर लैपटॉप और बगल में फर्श पर ढेर सारे अखबार ...बारिश की फुहार ...फुहार में हलके से भींगे अखबार ...


@RR - १६ जून २०१३ 

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