नकाब की जरुरत किसको होती है ?? शेर को या सियार को ?? हा हा हा ...कभी किसी शेर को नकाब पहनते देखा है ?? नहीं ..न ! सियार नकाब पहनते हैं .....शेर जैसा दिखने के लिए ...! " दरअसल नकाब वही पहनता है जो खुद के अन्दर कोई कमी देखता है " - वह कमी उसको कुंठीत कर देती है - फिर उस बेचैनी से बाहर आने के लिए वो नकाब पहन और बेचैन हो जाता है ! आप इस धरती पर सब कुछ बदल सकते हैं - पर जब ईश्वर ने आपको भेड़िया / सियार बना के भेजा है - आप भेड़िया / सियार ही रहिएगा ! मूल स्वभाव / आंतरिक स्वभाव इतना जल्द नहीं बदलता - यह एक कठोर साधना है !
बचपन में एक कहानी पढ़े थे - सियार नील के रंग में डूब जाता है फिर दुसरे जानवर उसको शेर समझने लगते हैं - फिर एक दिन ...वो पकड़ा जाता है !
अब आप भेड़िया हैं तो भेड़िया ही रहिये - समाज को हरवक़्त शेर की जरुरत नहीं होती - कभी कभी भेडिये की भी जरुरत होती है ! कब तक अपना नकाब 'होल्ड' कर के रखियेगा - एक दिन वो गिरेगा ही गिरेगा - भगवान् भी उस नकाब को गिरने से नहीं रोक सकते !
सबसे बढ़िया है - अपने मूल स्वभाव के इर्द - गिर्द ही रहिये - सबको सब कुछ नहीं मिलता - आपको भी बहुत कुछ नहीं मिलेगा - जो हाथ में है उसको सुरक्षित रखिये - वरना नकाब को जोर से पकड़ने के चक्कर में - जो हाथ में है वो भी फिसल जाएगा !
नकाब का उतर जाना ही धोखा कहलाता है ! आप में से कई लोग होस्टल में रहे होंगे - पैसे ख़त्म हो जाते थे - करीबी दोस्त के पास गए - उसने भी बड़ी मासूमियत से कह दिया - मेरे पास पैसा नहीं है - आप भी मान गए - फिर गलती से एक दिन उसका पासबुक देखे ...धक् से कर गया ..कलेजा ...अरे ...उसके पास तो पैसा है ...अब आप किस बेचैनी से गुजरेंगे ...वो आपको ही पता है ...उसे वो बात छुपा कर क्या मिला ...पता नहीं ...पर शायद उसने हमेशा के लिए ...एक बढ़िया दोस्त खो दिया ! ...है ..न !
सो ...नकाब सिर्फ दूसरों को ठगने के लिए ही नहीं ...अन्तोगत्वा लूजर वही होता है ...जो हर करीबी सम्बन्ध में भी नकाब पहन कर बैठा होता है ...
क्रमशः ...
@RR - 12 October 2014
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