अगर मै बिहार का मुख्यमंत्री होता ...पटना शहर के दक्षिण में दस - पंद्रह किलोमीटर दूर ..करीब 'एक हज़ार एकड़' ज़मीन का अधिग्रहण कर के - उसमे 'आईटी पार्क' खोलता ! एक हज़ार एकड़ ज़मीन में करीब पांच सौ एकड़ ज़मीन आवासीय और अन्य सुविधाओं के लिए होता और बाकी के पांच सौ एकड़ शुद्ध बहुमंज़िल आईटी पार्क ! ज़मीन अधिग्रहण के बाद उस ज़मीन को प्राईवेट आईटी कंपनी को सौ साल के लिए लिज़ पर दे देता ! उस आईटी पार्क में सभी सुविधाएं विश्वस्तरीय होता - इस आशा के साथ यह आईटी पार्क करीब दस हज़ार से पचीस हज़ार नौजवानों को नौकरी मिलता - जिसमे करीब पचास प्रतिशत दुसरे राज्य से होते - पटना शहर से आईटी पार्क के बीच - फॉर लेन एक्सप्रेसवे होता !
जो दुसरे राज्य से आईटी वर्कर आते - वो ना सिर्फ नौकरी करते - अपने साथ अपनी सभ्यता और संस्कृति भी लाते - जो धीरे धीरे पटना शहर में घुलता - इस आशा के साथ इस आईटी पार्क में नौकरी करने वाले अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा पटना शहर में खर्च करते ! एक कॉस्मोपॉलिटन वातावरण तैयार होता - जब शहर में / राज्य में - एक क्रीमी लेयर ही गायब है - ख़ाक डेवेलोपमेंट होगा :((
वर्तमान मुख्यमंत्री जी ...यह कोई बड़ी बात नहीं थी ...जब आप सन 2005 में आये थे - बहुत कुछ कर सकते थे - पर आपका विजन 'बख्तियारपुर / नालंदा / हरनौत' से आगे नहीं बढ़ पाया ! दुःख है ...आप बिहार के नौजवानों को पलायन से नहीं रोक पाए ..जिस तरह से आप बिहटा के किसानो को भूमिहीन कर के केंद्र सरकार की मदद से वहां करीब हज़ार एकड़ में आईआईटी / एनआईटी खुलवाये - यही काम आप दक्षिण पटना में भी कर सकते थे ! आप 'ग्रेटर पटना' की बात कह - बिलकुल सो गए :((
1985 के बाद पटना शहर के लिए कोई मास्टर प्लान नहीं आया - कंकडबाग के बाद किसी नए मोहल्ले का निर्माण नहीं हुआ !
हम गरीब बिहारी कहीं भी अपनी शिक्षा दीक्षा के बदौलत अपना पेट भर लेंगे - पर हम सब की संकीर्ण राजनीति ..आज हमारे भविष्य को ही खा गयी :((
( अगर आप बिहार से हैं / अगर आप पटना से हैं / अगर आप गैर बिहारी - गैर पटना वाले हैं और हमसे हमदर्दी रखते हैं - कृपया इसे शेयर कीजिए ..ताकी 'बड़े पत्रकार' जो मुख्यमंत्री के कान के बगल में फुसफुसाते हैं ..उन तक यह आवाज़ पहुंचे ...और अपना पॉइंट स्कोर के लिए ही सही ...यह बात कम से कम मुख्यमंत्री तक पहुंचे ..)
@RR - ५ जनवरी - २०१४
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