बचपन में पढ़े / सुने थे - राम जी के पास पुष्पक विमान था ! ठीक है ! पर एक बात समझ में नहीं आया - रावण वध के बाद / दशहरा के बाद राम जी को बीस दिन क्यों लग गया ...अयोध्या आने में पुष्पक विमान था ...अगले दिन पहुँच जाना था ... मालूम नहीं ये सब किस युग की घटना है - पर इसका जो ईफेक्ट है - हम मिडिल क्लास तबाह है !
एक दशहरा से लेकर - दिवाली तक - अखबार का अखबार - भांती भांती के बड़े बड़े प्रचार से भरा हुआ - हई ले लीजिये - हउ ले लीजिये ( ये / वो ) ! इतना डिसकाऊंट - उतना डिसकाऊंट ! बड़े के साथ छोटा फ्री - छोटे के साथ मझौला फ्री ! बाप रे ! जैसे बकरा को रेंत दिया जाता है ..ठीक वैसे ही 'मिडिल क्लास' !
देखिये ...जो अखबार मेरे घर आता है - वही अखबार मनमोहन सिंह के यहाँ ! वही अखबार 'राबर्ट वढेरा' के यहाँ - वही अखबार 'अम्बानी' के यहाँ बाबा , सबकी परचेजिंग पावर अलग अलग है - भाई ...अब सोसाईटी में क्लास की तरह ..अखबार छापो ..कितना दिन डिप्रेशन में रहें मिडिल क्लास का अखबार - चाय पत्ती / डालडा के प्रचार वाला ! चोरवा सब के लिए अलग अखबार - बड़ा बड़ा बिल्डर के प्रचार वाला ...हद हाल है :((
गरीबी से भी खराब ...गरीबी का एहसास ...:((
~ ३० अक्टूबर २०१२
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