हर बार अपना 'दिसंबर' उदास हो जाता है - कहता है... हर साल की विदाई मै ही करता हूँ - थक गया हूँ - विदाई से बड़ा दर्द क्या है - और ये दर्द मेरे कंधे पर ही क्यों ? पड़ोस में रहने वाले जनवरी ही नए साल का घूँघट क्यों उठाये ..कभी तो कोई किसी नए साल का घूँघट उठाने का सौभाग्य मेरे नसीब में भी आये ...
अजीब अजीब से दर्द हैं....अपना दर्द कितना कम है ...:))
@RR - २६ दिसंबर २०१३
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