कुछ तमन्नाएँ ...तमन्नाएँ ही रह जाएँ ... उनकी खुशबू आपके जीने का सहारा ...इत्र की उस सीसी की तरह ...जिसे देख कर ही आप खुश है ...! आप वर्षों उस इत्र को बचा के रखते हैं ...
कुछ ख्वाब ...ख्वाब ही रह जाएँ ...पर इक पल के लिए ...हकीकत ...एक तरफ वो पल और एक तरफ आपकी सारी जिन्दगी ....फिर भी वो पल इतना भारी ...जैसे जीने का मकसद ही वो इक पल था ...
हर पल ...उसी इक पल का इंतज़ार .....
~ 27 October 2012
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