दुनिया में सबसे शक्तीशाली अगर कुछ है तो वो है - मानव का दिमाग ! गजब का शक्तीशाली है - वह आपसे पुण्य भी करवाता है फिर आपसे पाप करवा कर आपको किसी भी 'अपराधबोध' / गिल्ट से बाहर भी निकाल देता है !
मेरे बिहार में कई बाहुबली नेता 'शूटर' रखते हैं - जो अपने नेता के कहने पर या पैसा लेकर किसी की भी हत्या कर देते है - इस समाज में 'हत्या' से घृणित कुछ भी नहीं है पर उस 'शूटर' को कोई अपराधबोध नहीं होता - जब आप उसके बेहद नजदीक जायेंगे तब पता चलेगा - उसका दिमाग उसी ढंग से बनाया गया है और वास उसी वातावरण में जी रहा है - जहाँ जब वह हत्या कर के आ रहा है - उसकी वाहवाही हो रही है - उसका दिमाग उसको किसी भी गिल्ट से बाहर निकाल लेता है - बहुत आसानी से कह देता है - क्या हो गया ..पैसा नहीं लौटा रहा था ..हत्या हो गयी ..उसको शांत कर दिए ...
उफ्फ्फ ..ये दिमाग ...
पर वही दिमाग जब एक कोर्ट में जाता है - दलील पेश की जाती है - आरोप लगते हैं - जिस दिमाग को कल तक कोई गिल्ट नहीं था - वही दिमाग कोर्ट / कचहरी में काम करना बंद कर देता है - फिर दिल रोता है - बड़े से बड़े अपराधी भी कोर्ट / कचहरी में रोते हैं - बात जेल की नहीं होती है - बात उस एहसास की होती है - बात उन दलीलों की होती हैं - जहाँ उसके सबसे शक्तीशाली दिमाग को एहसास दिलाया जाता है - तुम गलत थे ! विश्वप्रसिद्ध 'रजत गुप्ता' भी रोते है - कहने लगे - "बेटी को क्या मुह दिखाऊंगा" ! इंसान एक एक कर के सबकी नज़र से गिरने लगता है - एकदिन खुद की नज़र से भी गिर जाता है - अगर उसकी अंतरात्मा जिन्दा है - आंसू गिरेंगे - वरना वो सुखी आखों से उसी राह निकल जाता है !
गलती हर एक इंसान से होती है - जब भगवान् गलती कर सकते हैं फिर इंसान की क्या बिसात - पर जिसके अन्दर 'प्रायश्चित' नहीं - उसके लिए उसका ह्रदय मर चूका है ...और मरे हुए ह्रदय में कोई नहीं बसता ..शायद वो इंसान खुद भी नहीं ....
@RR - १७ जनवरी - २०१४
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