स्कूलों में बड़ा दिन की छुट्टी चल रही है और आज क्रिश्मस भी है - सुबह नींद खुली - पुत्र महोदय के कमरे में गया - देखा नदारत है - क्रिकेट ..क्रिकेट ...!
अपना दिन याद आ गया - वार्षिक परीक्षा के बाद ...वही हाल ! एक सुबह से शाम तक - क्रिकेट ..क्रिकेट ...जिसके पास बढ़िया बैट ...वो दोस्त / लड़का किसी भगवान से कम नहीं ...सभी दोस्त उसके घर के आगे ...और वो ...आज सब पूजा करवा के ही ..बाहर निकलेगा ....कभी बहाना बनाएगा ..मामा / फूफा आये हैं ...आज नहीं खेलना ...अरे बाबा ...नहीं खेलना है ..बैट तो दे दो .....:(( जैसे जैसे उम्र बढ़ता गया ...टीनएज में एक जिद आने लगी ...ओपनिंग हम ही करेंगे ...करीबी दोस्त बहुत गाली देते ...सामने से आते बॉलर की जगह ..'बालकोनी' देखते हो ..और पहले ही गेंद पर ही ...बोल्ड .. !!!!!! हा हा हा हा हा ....कुछ दोस्त गजब के फ़ास्ट बॉलर होते थे ....बेहतरीन बाएं हाथ के तेज गेंदबाज़ ...जूनियर बिहार / पटना से खेलने वाले ...एकदम इमरान खान टाईप .....उनकी बोलिंग और मेरी बैटिंग ...ऐसी दोस्ती हुई ..आजतक बरकरार है ....
मन उब गया ...फिर "पिट्टो " ...पिट्टो एक गजब का खेल होता है / था ...सभी दोस्त दो टीम में ...कुछ गिट्टी / पत्थर ...करीब सात...एक के ऊपर एक ..चढ़ा के ...रबर के गेंद से ..उसको 'फोड़ना' ....अब देखिये ...वो एक साधारण सा खेल ...जब उन पत्थरों को फोड़ा जाता था ....सेकेण्ड के सौंवे भाग में ..जो 'रोमांच' पैदा होता था ...उस रोमांच को महसूस करना ...फिर भागना ....और बहुत कुछ .....आजीवन भी तो हमसभी वैसे ही रोमांच की तलाश में रहते हैं ... :))
"मेरी क्रिश्मस की शुभकामनाएं" :)))))
@RR
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