तेरे आने की खबर से ही मौसम गुलज़ार है ..
मालूम नहीं आ जाओ तो क्या क्या हो ...
एक नज़र देखने को ये रूह प्यासी है ...
नज़रों से नज़रें मिल जाए तो क्या क्या हो ...
चूम लूं उस आईने को जिसमे तेरा अक्श खिला है ..
गर वो आइना ही मै बन जाऊं तो क्या क्या हो ...
तू एक शमा है जिसके लिए हर परवाना बेचैन हैं ..
तुम सिर्फ मेरे लिए जल जाओ तो क्या क्या हो ...
तेरे दर पर तो हीरे जवाहरात लुटाए जाते हैं ..
मुझे सिर्फ तेरा दिल ही मिल जाए तो क्या क्या हो ...:))
~ RR
@RR - ३ अप्रील २०१३
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