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दालान.....
कुछ अपनी बात !!
Thursday, September 25, 2014
आसमां जो पिघला कतरों में
ये आसमां जो पिघला कतरों में ..
नदी की धार बन बह चला ..
ये बादल जो उम़रा आँखों में ...
ये कहाँ बरसने जायें ....?
@......२१ मई - २०१३
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