Thursday, September 25, 2014

"जो तेरा है ..वो मेरा है ....जो मेरा है ..वो तेरा है"


एयरटेल का एक प्रचार आ रहा है - "जो तेरा है ..वो मेरा है ....जो मेरा है ..वो तेरा है" ..मस्त है :)) ! अपना कॉलेज का दिन याद आ गया ...! कॉलेज में ...नया बाटा का जूता ...क्या हुआ रे ? संतोष पहन के चला गया ..अब हम क्या पहने 
? चप्पल ...पांच गाली ..शुद्ध - शुद्ध ! होस्टल रूम में देखा ..संतोष का नया 'टी शर्ट' ..नया आफ्टर शेव .....लगाओ ...चल दिए ...! पुरे लौबी में किसी ने शैम्पू खरीद लिया ...हो गया ! सीधे दोस्त के रूम में घुसो ...धडाक ..बिना पूछे ...उसके आलमीरा से शैम्पू / टूथपेस्ट / साबुन उठाओ और चल दो ...क्या मुहब्बत था ..लिखते वक़्त सबके चहरे याद आ रहे हैं ..नहा के लौटते वक़्त ..साबुन / शैम्पू / टूथपेस्ट ..किसी और को थमा देना ...जिसका था ..अब उसके कमरे में वो सब वापस नहीं लौटेगा ! घर से मेरा ड्राफ्ट नहीं आया अरे ..काहे उदास हो ..मेरा आया है ..न ! खिल गया चेहरा ..! होस्टल से कॉलेज निकलते वक़्त ...कॉपी / नोटबुक नहीं है ...उफ्फ्फ ...एक बार बगल वाले रूम में झाँक लो ...अरे बाबा ..ये मैकेनिकल का है ...धत्त ..चुप रह ..इसमे खाली पेज है ..न ..काफी है ! इलेक्ट्रोनिक्स का सब्जेक्ट ..मैकेनिकल के कॉपी में लिखा जा रहा है ...हा हा हा ...उफ्फ्फ ..क्या दिन थे ! कावासाकी बजाज आया था ..उनदिनों ...मोटरसाइकिल किसी और का ..घूम कोई रहा है ...और पीछे बैठा 'कोई और' है ..हा हा हा हां ...नया - नया वाक मैन ...साजन का कैसेट ...जो खरीद लिया ...अब क्या मजाल की वो कभी सुन पायेगा ..कैसेट किसके रूम में है ..अमेरिका का 'एफबीआई' भी नहीं खोज सकता ..हा हा हा हा ....शायद ..आप मेरी उम्र के हों...मेरे साथ आप भी मुस्कुरा रहे हों ...फिर हो जाए कुछ शुद्ध - शुद्ध श्लोक ..अपने उन मासूम दोस्तों के लिए ...जो अब 'बड़े' हो गए हैं ..लव यु ..ऑल ...:)) टेक केयर ! 
~ दालान , १७ सेप्टेम्बर , २०१२

No comments: