Thursday, September 25, 2014

हाफ पैंट ....:))


हाफ पैंट भी गजब का ड्रेस है - हम जैसे छोटे शहर से आये लोग इसको पहनते ही 'फुल्ल कॉन्फिडेंस' में आ जाते हैं ! कार भी स्टाईल से चलाने लगते हैं - क्या कहें ..हम ! आज कल ठेहुना तक वाला फैशन में है - यूनी सेक्स - दस पॉकेट तो होगा ही ! बाज़ार में गाड़ी पार्क किये - पार्किंग टिकट किस पॉकेट में रखे - पता नहीं  गाड़ी वापस लेते वक्त - कुत्ता की तरह सब पॉकेट खोजिये - हाँफते हुए - मालूम नहीं कहाँ गया ! बचपन में ब्लू चेक लूंगी लोगों को पहनते देखे थे - अब वैसा ही चेक वाला हाफ पैंट आ गया है ! 
बबलू दिल्ली आया था - कलक्टर बनने - मगध ट्रेन से आता था - जाता था ! स्टेशन पहुँचते ही हाफ पैंट और रात में भी नकली रेबैन और कान में वाक् मैन - मैडोना का कैसेट पहली दफा उसके पास ही देखे थे - बस देखते रह गए थे - बोला ..कभी आओ ..दिल्ली ..मुखर्जी नगर ..और बढ़िया बढ़िया गाना सुनायेंगे - कैसेट दिखायेंगे ! बाबु जी से बोले - हमहू जायेंगे - दिल्ली - हाफ पैंट में - मगध से ! मालूम नहीं क्या हुआ - बबलू को हाफ पैंट पहनते पहनते - किसी हाफ पैंट वाली से मुहब्बत हो गया - कलक्टरी गया तेल लेने - अब वो मोमो खाने लगा ! पटना आता था - मोमो के किस्से - हम समोसा ( सिंघाडा ) वाले उब गए थे सुनते सुनते ! सुने हैं - अब उसका अपना खुद का वहीँ कहीं 'मोमो का ठेला' लगता है - दोनों हाफ पैंट में ही मोमो बेचते हैं - लाल खूब तीखा चटनी के साथ ! 
वूडलैंड ने तो और कहर ढाया हुआ है - उसका हाफ पैंट में कॉन्फिडेंस तो बहुत है - लेकिन बुलेट से भी भारी - भादों में धो दीजिए तो कातिक में सूखेगा ! सब ठीक है - लेकिन जब चिम्पू भी उसको पहन लेता है - क्या कहें ...उसको देख ..चिम्पू का दो बरतुहार ( लडकी वाला - शादी हेतु ) भाग गया ! चिम्पू ..अब उसी हाफ पैंट में ...प्रगति मैदान में ...मेला के टाईम 'घुघनी - चिउरा' बेचता है ...हाथ में कलछुल लिए हुए ...!!!
~ २५ अगस्त २०१२ 

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