कभी कभी फेसबुक को थैंक्स बोलने का मन करता है ..कई कारण है ..उनमे से एक ख़ास है ..एक प्लेटफॉर्म का मिलना और जो मन में आया ...लिखते रहना ..पिछले एक सवा साल में खूब लिखा ..जी भर लिखा ...पर अपनी परिधी को कभी लांघने की कोशिश नहीं की ...शब्द से भारी भरकम कुछ नहीं होते ...कठोर शब्दों के दबाब में इंसान दम तोड़ देता है और शब्दों के सहारे इंसान चाँद तक पहुँच सकता है !
आभारी हूँ ..वैसे सारे मित्रों का ..जिन्होंने 'दालान' को सिर्फ लाईक ही नहीं किया ...बल्की अपने कमेन्ट / मैसेज और स्नेह से मुझे एक दिशा निर्देशित भी करते रहे !
अब जैसे जैसे परिपक्वता बढ़ती जा रही है ..एक अनजान सा जिम्मेदारी एवं दबाब भी है ..अब लोग शब्दों पर गौर फरमाने लगे हैं ..मै कोई हिंदी का विद्वान् नहीं हूँ ...भाषा भी बहुत कमज़ोर है ..पर साहित्य किसी से कम भी नहीं ..शब्द बेहद मामूली हैं पर भावनाओं में इस कदर डूबे होते हैं ..किसी के भी दिल को छू सकते हैं ...:)) इस बात का फक्र है ...:))
~ १५ मई २०१३
मोती के माला की तरह ज़िन्दगी होती है ..कई तमन्नाओं के साथ एक सूत्र में पिरोई हुई ..ये ज़िंदगी ...आहिस्ता आहिस्ता ..एक एक मोती को चुन ...उससे एक माला बनाना ही ज़िंदगी है ...कुछ तमन्नाएँ भगौलिक होती हैं ..कुछ बेहद आंतरिक ..बहुत तमन्ना थी ...जो कुछ लिखता हूँ ...वो अंग्रेज़ी में कैसी दिखेगी ...भाषा नहीं लिखता ...भावनाएँ लिखता हूँ ..और आँखों की जुबान हो या दिल की जुबान ..हर भाषा में एक जैसी ही दिखनी चाहिए ...फिर भी मन तो बच्चा है ...एक तमन्ना छलक गयी ...कैसा दिखता हूँ....उन आखों में ...अंग्रेज़ी वालों के सूट बूट में ...अनुवाद पसंद नहीं ...अनुवाद में लेखनी की आत्मा गायब हो जाती है ...बस कोई सजा से ..संवार दे ...अंग्रेज़ी में ..जो मेरे पास नहीं है ..वो खुद से थोडा जोड़ दे ...पर लेखनी की भाव वही हो ...
इन्ही तमन्नाओं के साथ ....बस यूँ ही ...एक ब्लॉग / पेज ...अंग्रेज़ी में भी ...किसी को हक से बोला ...ये रहा मेरा हिंदी ....जरा अंग्रेज़ी में कर दिखाओ ...उधर से धडाक आया ..ऐसे दिखते हो ..अंग्रेज़ी में ...:)) कोई एहसान नहीं ..ना उसका ना मेरा ..:))
हां ...इस अनुवाद के साथ एक टिप्पणी भी आयी - "तुम इतने ओरिजिनल और प्योर लिखते हो ...आसान नहीं है ..अनुवाद" ...:)) बढ़िया लगा ...प्रसंशा कब.. किसे बुरी लगी है ...हा हा हा ...
धीरे धीरे एक दो और अनुवादक जुड़ेंगे ..."दालान" भी सूट - बूट - हैट में दिखेगा ...:))
आभारी हूँ ..वैसे सारे मित्रों का ..जिन्होंने 'दालान' को सिर्फ लाईक ही नहीं किया ...बल्की अपने कमेन्ट / मैसेज और स्नेह से मुझे एक दिशा निर्देशित भी करते रहे !
अब जैसे जैसे परिपक्वता बढ़ती जा रही है ..एक अनजान सा जिम्मेदारी एवं दबाब भी है ..अब लोग शब्दों पर गौर फरमाने लगे हैं ..मै कोई हिंदी का विद्वान् नहीं हूँ ...भाषा भी बहुत कमज़ोर है ..पर साहित्य किसी से कम भी नहीं ..शब्द बेहद मामूली हैं पर भावनाओं में इस कदर डूबे होते हैं ..किसी के भी दिल को छू सकते हैं ...:)) इस बात का फक्र है ...:))
~ १५ मई २०१३
मोती के माला की तरह ज़िन्दगी होती है ..कई तमन्नाओं के साथ एक सूत्र में पिरोई हुई ..ये ज़िंदगी ...आहिस्ता आहिस्ता ..एक एक मोती को चुन ...उससे एक माला बनाना ही ज़िंदगी है ...कुछ तमन्नाएँ भगौलिक होती हैं ..कुछ बेहद आंतरिक ..बहुत तमन्ना थी ...जो कुछ लिखता हूँ ...वो अंग्रेज़ी में कैसी दिखेगी ...भाषा नहीं लिखता ...भावनाएँ लिखता हूँ ..और आँखों की जुबान हो या दिल की जुबान ..हर भाषा में एक जैसी ही दिखनी चाहिए ...फिर भी मन तो बच्चा है ...एक तमन्ना छलक गयी ...कैसा दिखता हूँ....उन आखों में ...अंग्रेज़ी वालों के सूट बूट में ...अनुवाद पसंद नहीं ...अनुवाद में लेखनी की आत्मा गायब हो जाती है ...बस कोई सजा से ..संवार दे ...अंग्रेज़ी में ..जो मेरे पास नहीं है ..वो खुद से थोडा जोड़ दे ...पर लेखनी की भाव वही हो ...
इन्ही तमन्नाओं के साथ ....बस यूँ ही ...एक ब्लॉग / पेज ...अंग्रेज़ी में भी ...किसी को हक से बोला ...ये रहा मेरा हिंदी ....जरा अंग्रेज़ी में कर दिखाओ ...उधर से धडाक आया ..ऐसे दिखते हो ..अंग्रेज़ी में ...:)) कोई एहसान नहीं ..ना उसका ना मेरा ..:))
हां ...इस अनुवाद के साथ एक टिप्पणी भी आयी - "तुम इतने ओरिजिनल और प्योर लिखते हो ...आसान नहीं है ..अनुवाद" ...:)) बढ़िया लगा ...प्रसंशा कब.. किसे बुरी लगी है ...हा हा हा ...
धीरे धीरे एक दो और अनुवादक जुड़ेंगे ..."दालान" भी सूट - बूट - हैट में दिखेगा ...:))
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