Tuesday, September 23, 2014

दिल ....

जब दिल की स्याही में ....कलम डूबेगा ....मालूम नहीं ....क्या क्या लिखेगा ...कभी तेरे अफ़साने तो ....कभी अपने अफ़साने ...कुछ तुम भी पढोगे ...कुछ हम भी लिखेंगे ...यादों के सफर में ...कभी तुम तनहा ..कभी हम अकेले ...जब दिल की स्याही में ....कलम डूबेगा ....मालूम नहीं ....क्या क्या लिखेगा ...कभी तेरे अफ़साने तो ....कभी अपने अफ़साने....
~ दालान
~ २८ अगस्त २०१२ 

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