ऋतुराज वसंत कब से मौसम के दरवाजे पर खट खट कर रहा है ..और ये शरद है ....जो जाने का नाम ही नहीं ले रहा ..अरे भाई निकलो भी ..जाओ भी ..अब अगले साल आना ..इस बार अपनी औकात से ज्यादा रह लिए ..हद हाल है ..अरे ..इसको कोई समझाता क्यों नहीं है ? देखो तो ..कितना प्यारा वसंत ...बेचारा झिझक में कब से खड़ा है ..कुछ दिन इसको भी रहने दो ..गर्मी आयेगी ..इसको बेइज्जत कर के भगा देगी ...चुप चाप निकल जायेगा ..बोलो ..कभी कुछ बोला इसने ? उधर गर्मी इसका हक़ मारती है ..इधर तुम ..! शरद ..अब तुम अजीब सी हरकतें कर रहे हो ...बालकोनी में बैठ ..वर्षा से चुपके चुपके ...हद है..यार ..खुद को कुछ दिन और रोकने का बहाना ..
वसंत ..तुम भी तो यार ..इतने कमज़ोर से ...अरे यार ..तुमसा कोई नहीं ..किप फेथ इन योरसेल्फ ..यु आर द बेस्ट ...ये मै नहीं ..सारी दुनिया कहती है ...चलो ...अब आ भी जाओ ...कमओन यार ...स्माईल प्लीज़ .... :))
@RR
~ 4 Feb - 2013
वसंत ..तुम भी तो यार ..इतने कमज़ोर से ...अरे यार ..तुमसा कोई नहीं ..किप फेथ इन योरसेल्फ ..यु आर द बेस्ट ...ये मै नहीं ..सारी दुनिया कहती है ...चलो ...अब आ भी जाओ ...कमओन यार ...स्माईल प्लीज़ .... :))
@RR
~ 4 Feb - 2013
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