Thursday, September 25, 2014

मजबूत मन ....

ईश्वर ने धरती पर जन्म दिया है - फिर सम्बन्ध तो बनेंगे ही ! हर तरह के सम्बन्ध - हर वजन के सम्बन्ध - हर तरह के सम्बन्ध - इंसान का इंसान के साथ सम्बन्ध -इंसान का समाज के साथ सम्बन्ध - इंसान का प्रकृती से सम्बन्ध - इंसान का ईश्वर से भी सम्बन्ध ! कहीं कोई दिक्कत नहीं है ! 
दिक्कत तब होती है - जब हमें उस सम्बन्ध में 'ज़लील' किया जाता है - हमारी पवित्र भावनाओं को आगे रख हमारा 'हाथ मरोड़ा' जाता है ! बड़ी मुश्किल के वो क्षण होते हैं - उन्ही मुश्किल क्षणों में - हमारा मन न जाने कहाँ से एक मजबूती लेकर आता है - मुझे नहीं लगता - द्रौपदी के लिए कृष्ण आये होंगे - द्रौपदी ने कृष्ण को पुकारा होगा - कृष्ण ताकत का प्रतीक बन के - द्रौपदी के मन में समा गए होंगे - वही मजबूत मन - महाभारत दिखा दिया ...
कमज़ोर वो बाहें नहीं होती - जिसे आप मरोड़ रहे होते हैं - कमज़ोर वो मन होता है ! कमज़ोर वो इंसान नहीं होता - जिसे आप 'ज़लील' कर रहे होते हैं - कमज़ोर उसका वक्त होता है ! 
जिस दिन उसका मन मजबूत हो गया - जिस दिन उसका भी वक़्त आ गया - आप कहाँ होंगे ? 
कभी सोचियेगा ...:))

~ १६ दिसंबर २०१३ 

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